नई दिल्ली। मिथिलांचल का कोसी इलाका, जहां एक तरफ बाढ़ की विभिषका ने लोगों के जीवन को अस्त—व्यस्त कर दिया है तो वहीं दूसरी ओर कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका ने लोगों को राहत देने का काम किया। हर साल आने वाले बाढ़ के खतरे को भांप दरभंगा जिले के बेनीपुर प्रखंड स्थिति जीवन हास्पिटल की ओर से बाढ़ पीड़ितों को राहत देने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली गई ताकि बाढ़ का खतरा जैसे ही बढ़े लोगों को इलाज के लिए इधर—उधर न भटकना पड़े।
जीवन हास्पिटल के निदेशक डॉ. आरके झा आज इस इलाके के लिए लोगों के लिए देवदूत बनकर उभरे हैं। डॉ. झा अस्पताल की ओर से बाढ़ पीड़ित इलाकों में जहां शिविर लगाकर लोगों का इलाज कर रहे हैं। वहीं बाढ़ के बाद होने वाली भयावह बीमारियों से लोगों को अवगत करा रहे हैं। डॉ. झा ने बताया कि बाढ़ का पानी कम होने के बाद बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए समय रहते अगर बचाव कर लिया जाए तो लोगों को भयावह बीमारी के खतरे से नहीं जूझना पड़ेगा।
डॉ. झा की ओर से लगाए जा रहे विभिन्न शिविरों में शुगर, ब्लडप्रेशर, ईसीजी सहित कई बीमारियों की जहां जांच होती है वहीं नि:शुल्क दवाओं का वितरण कर इलाज भी किया जाता है। समाज की सेवा करने के ध्येय से डॉ. आरके झा अपनी पेशेगत जिम्मेदारियां निभाने के अलावा बाढ़ प्रभावित इलाकों के अलावा भी स्वास्थ्य शिविर का लगातार आयोजन करते रहते हैं। ताकि मिथिलांचल के इस इलाके में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक किया जा सके। डॉ. झा कहते हैं कि हम जिस इलाके से आते हैं वहां स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। ऐसे में लोगों को बड़े शहरों की ओर रुख करना पड़ता है। अगर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ इस इलाके में मिले तो लोगों को दूसरे शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। डॉ. झा बताते हैं कि स्वास्थ्य शिविर लगाने का प्रमुख उद्देश्य यह है कि समय रहते लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरुक रहे और अगर किसी तरह की बीमारी हो तो दवाओं के जरिए उसका इलाज किया जा सके।
बाढ़ की पीड़ा और बीमारी का दंश मिथिलांचल के लोगों की सबसे बड़ी पीड़ा है। इस पीड़ा को दूर करने के लिए डॉ. झा का जो प्रयास है वह अब रंग ला रहा है। डॉ. झा के कार्यों को देखते हुए उन्हें कई संस्थाओं की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।