भोपाल। एब्सोल्यूट ग्राम्या भोपाल ने अपनी महत्वाकांक्षी और परिवर्तनकारी पहल “स्वस्थ्य ग्राम, समृद्ध भारत” की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य मध्यप्रदेश के ग्रामीण समुदायों को सशक्त बनाना और महत्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक मुद्दों को हल करना है। यह दृष्टिकोण स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और प्रौद्योगिकी पर केंद्रित एक समग्र विकास ढांचा बनाने पर जोर देता है, जिसमें विशेष रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति के युवाओं और महिलाओं को प्रगति के अवसर प्रदान किए जाएंगे। इस पहल का पायलट चरण पांच प्रमुख जिलों—रीवा, सिदी, सिंगरौली, सतना और मैहर—में लागू किया जाएगा, जिन्हें उनकी विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक चुनौतियों के आधार पर चुना गया है। ये जिले इस मॉडल के लिए आधार के रूप में कार्य करेंगे, जिसे मध्यप्रदेश और पूरे देश में विस्तारित किया जा सकता है।
इस पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू इसका अभिनव हाइब्रिड स्वास्थ्य देखभाल मॉडल है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में शारीरिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो निदान सेवाएं, नियमित चेक-अप और सस्ती दवाएं प्रदान करेंगे। इन केंद्रों को टेलीमेडिसिन नेटवर्क के माध्यम से विशेषज्ञों से जोड़ा जाएगा, जिससे ग्रामीण समुदायों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल तक बेहतर पहुंच प्राप्त होगी। इसके अतिरिक्त, प्रत्येक परिवार को स्वास्थ्य कार्ड दिए जाएंगे, जिसमें उनके चिकित्सा इतिहास को संग्रहीत किया जाएगा, जिससे उपचार की निरंतरता सुनिश्चित होगी और स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता में सुधार होगा।
शिक्षा इस पहल का दूसरा महत्वपूर्ण स्तंभ है। कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी और ग्रामीण शिक्षा के बीच के अंतर को पाटना है, और इसके लिए स्कूलों और शिक्षण केंद्रों को आधुनिक शिक्षण उपकरणों और डिजिटल तकनीकी साधनों से सुसज्जित किया जाएगा। उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा तक पहुंच बढ़ाने और शैक्षिक अनुभव को बेहतर बनाने के माध्यम से, “स्वस्थ्य ग्राम, समृद्ध भारत” कार्यक्रम का उद्देश्य एक सक्षम और शिक्षित ग्रामीण कार्यबल तैयार करना है, जो स्थानीय विकास और नवाचार को बढ़ावा दे सके।
आर्थिक सशक्तिकरण भी इस पहल की प्राथमिकताओं में शामिल है। व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जो स्थानीय उद्योगों से संबंधित व्यावहारिक कौशल प्रदान करेंगे, जबकि उद्यमिता कार्यक्रमों के माध्यम से नए व्यवसायियों को समर्थन और मार्गदर्शन मिलेगा। इन प्रयासों का उद्देश्य स्थानीय रोजगार अवसरों का निर्माण करना, शहरी क्षेत्रों में पलायन को कम करना और ग्रामीण समुदायों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
प्रौद्योगिकी को इस पहल में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जाएगी। विभिन्न पहलुओं में प्रौद्योगिकी के एकीकरण के माध्यम से, एब्सोल्यूट ग्राम्या भोपाल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों को आधुनिक उपकरणों और संसाधनों से जोड़ना है। यह पहल डिजिटल सेवाओं तक पहुंच और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि ग्रामीण समुदाय तेजी से डिजिटल हो रही दुनिया से पीछे न छूटें।
डॉ. पंकज शुक्ला, CMD, एब्सोल्यूट ग्राम्या भोपाल ने इस पहल के लिए अपनी दृष्टि साझा करते हुए कहा, “‘स्वस्थ्य ग्राम, समृद्ध भारत’ केवल एक कार्यक्रम नहीं है, यह एक संकल्प है, जो आत्मनिर्भर और समृद्ध ग्रामीण मध्यप्रदेश बनाने की दिशा में है। स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करके, हम हाशिए पर मौजूद समुदायों को बदलाव लाने और उनका भविष्य सुरक्षित करने के लिए सशक्त बना रहे हैं। यह पहल हमारे आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से मेल खाती है और ग्रामीण विकास के लिए एक मानक स्थापित करती है।”