जनवरी 2025 तक देश के सभी प्राथमिक कृषि ऋण समितियों का होगा डिजिटलीकरण

नई दिल्ली। केन्द्रीय सहकारिता मंत्रालय ने “सहकारी क्षेत्र का विकास: आत्मनिर्भरता के लिए प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) का सशक्तिकरण” विषय पर नई दिल्ली में एक व्यापक हितधारक परामर्श आयोजित किया, जिसमें देश में सहकारी समितियों को मजबूत बनाने पर चर्चा हुई जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रमुख प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। एक दिवसीय इस कार्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने की।
इस अवसर पर डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने बताया कि प्रधानमंत्री के ‘सहकार से समृद्धि’ के विजन के अनुरूप, मंत्रालय इस वर्ष के अंत तक या जनवरी 2025 तक देश में सभी PACS के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया पूरी कर लेगा। उन्होंने कहा कि 2 लाख नए बहुउद्देश्यीय PACS बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, ताकि देश के उन इलाकों को कवर किया जा सके जिन्हें अब तक कम या बिल्कुल भी नहीं कवर किया जा सका है।

डॉ. भूटानी ने कहा कि सहकारिता मंत्री अमित शाह के वादे के अनुसार मंत्रालय न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर मक्का खरीद के लिए तैयार है। उन्होंने सभी मक्का किसानों से इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (NAFED) द्वारा खरीद के लिए किसान पोर्टल पर खुद को पंजीकृत करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह किसानों और इथेनॉल मिश्रण मिशन दोनों के लिए फायदेमंद होगा। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने हाल ही में पेट्रोल और डीजल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के संशोधित लक्ष्य की घोषणा की और इसे प्राप्त करने की पूर्व समयसीमा को 2030 से घटाकर 2025-26 कर दिया।

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