अमित शाह ने गुजरात के आणंद में सहकारिता मंत्रालय के 4 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित समारोह को किया संबोधित

2 लाख नए पैक्स, सहकारिता यूनिवर्सिटी, सहकारी डेटाबेस जैसी पहलें देश के सहकारिता आंदोलन को करेंगी मजबूत

एनडीडीबी और अमूल, रेडी टू यूज कल्चर के उत्पादन से भारत को इस क्षेत्र में भी बना रहे हैं आत्मनिर्भर

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के आणंद में सहकारिता मंत्रालय के 4 वर्ष पूरे होने एवं सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जन्म जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित किया। श्री शाह ने खेड़ा स्थित अमूल चीज प्लांट और मोगर स्थित अत्याधुनिक चॉकलेट प्लांट के विस्तार का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। उन्होंने आणंद में एनसीडीएफआई के नए कार्यालय भवन, एनडीडीबी कार्यालय परिसर में मणिबेन पटेल भवन का उद्घाटन और रेडी टू यूज कल्चर संयंत्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर गुजरात के मुख्य मंत्री भूपेन्द्र पटेल, केन्द्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल गुर्जर और मुरलीधर मोहोल, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी राज्य मंत्री  एस पी सिंह बघेल और केन्द्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।


गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (GCMMF) द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि हमारे देश में सहकारिता हमारे समाज के संस्कार के रूप में वैदिक काल से चली आ रही है और इसी संस्कार को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने विधायी रूप देते हुए आज के ही दिन देश में पहली बार अलग सहकारिता मंत्रालय बनाने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि लगभग 31 करोड़ लोगों के साथ जुड़ी 8 लाख 40 हज़ार से अधिक समितियों के अंदर नए प्राण फूंकने का काम प्रधानमंत्री मोदी जी ने किया। उन्होंने कहा कि दूध से लेकर बैंकिंग, चीनी मिलों से लेकर मार्केटिंग और कैश क्रेडिट से लेकर डिजिटल पेमेंट तक आज सहकारी समितियां सक्षमता के साथ देश के आर्थिक विकास में योगदान दे रही हैं।

केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में स्थापना के 4 साल में सहकारिता मंत्रालय द्वारा 60 से अधिक पहल की गई हैं। उन्होंने कहा कि ये सारी पहल पांच P – People, PACS, Platform, Policy और Prosperity – पर आधारित हैं। पहला, People, इन सारी पहल की पूरी लाभार्थी देश की जनता है। दूसरा, PACS, हम प्राथमिक सहकारी मंडलियों को मज़बूत कर रहे हैं। तीसरा, Platform, हमने हर प्रकार की सहकारिता गतिविधि के लिए डिजिटल और नेशनल प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का काम किया है। चौथा, Policy, नमक उत्पादन का मुनाफा भी अब नमक बनाने वालों को मिलेगा। पांचवा, Prosperity। उन्होंने कहा कि Prosperity एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे समाज की और संपन्नता कुछ सेठों की नहीं बल्कि गरीबों, मज़दूरों और किसानों की हो और इसी कॉन्सेप्ट के साथ प्रधानमंत्री मोदी जी ने ये 60 पहलें की हैं।

श्री शाह ने कहा कि संगठित बाज़ार, इनपुट सेवाएं, दूध की निष्पक्ष खरीद, मूल्यांतर का भाव और डेयरी सेक्टर में सर्कुलर इकोनॉमी का एक चक्र पूरा करने का काम सरदार पटेल कोऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन करेगा। उन्होंने कहा कि अमूल की ही तर्ज पर यह देश के किसानों का भला करेगा। उन्होंने कहा कि कच्छ ज़िला नमक सहकारी समिति के रूप में एक मॉडल समिति की शुरुआत की गई है जो आने वाले दिनों में नमक उत्पादन करने वाले हर मजदूर के लिए अमूल की तरह सशक्त कोऑपरेटिव आंदोलन बनेगा। श्री शाह ने कहा कि आज अमूल FMCG ब्रांड न सिर्फ भारत बल्कि विश्व का सबसे मज़बूत ब्रांड है और सहकारिता के इस संस्कार का विस्तार करने का संकल्प हमने सहकारिता वर्ष में लिया है। उन्होंने कहा कि कल ही त्रिभुवन दास पटेल के नाम पर त्रिभुवन सहकारी यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई है और आज लगभग 10 बहुत बड़ी परियोजनाओं की शुरूआत भी हुई है। केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में 2 लाख नए पैक्स, सहकारिता यूनिवर्सिटी, राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस, अनाज की ब्रिकी और उत्पादन से जुड़ी तीन राष्ट्रीय स्तर की कोऑपरेटिव्स और तीन राष्ट्रीय स्तर की कोऑपरेटिव्स जो डेयरी क्षेत्र के लिए बननी हैं, ये सभी आठों पहल एकसाथ हमारे देश के सहकारिता आंदोलन को बहुत मज़बूत करेंगी।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि हमें पारदर्शिता, तकनीक को स्वीकारने और केन्द्र में सहकारिता सदस्य लाने के कार्य को बहुत मज़बूती के साथ इस सहकारिता वर्ष में ज़मीन पर उतारना है। उन्होंने कहा कि जब तक पारदर्शिता नहीं होगी तब तक सहकारिता लंबी नहीं चल सकती और पारदर्शिता का अभाव ही सहकारिता की भावना को नुकसान पहुंचाता है। श्री शाह ने कहा कि जहां भी तकनीक को स्वीकारा नहीं गया वहां सहकारिता प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं सकी और जिस सहकारी संस्था में सदस्य के हित को सर्वोपरि नहीं माना गया वो सहकारी संस्था भी खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि इन तीनों चीज़ों को सहकारिता वर्ष में सभी सहकारी नेता अपने कार्यक्षेत्र में ज़मीन पर उतारें और इन्हें अपने काम करने का संस्कार बनाएं और इस भावना को देश के हर ज़िले में पहुचाएं।

श्री शाह ने आज त्रिभुवनदास फूड कॉम्प्लेक्स, मोगर में ₹105 करोड़ की लागत से निर्मित अमूल के चॉकलेट प्लांट के विस्तार व खात्रज में ₹260 करोड़ की लागत से निर्मित डॉ. वर्गीस कुरियन चीज प्लांट का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया। अमूल के चॉकलेट प्लांट विस्तार से इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 30 टन से बढ़कर 60 टन प्रति दिन हो जाएगी। डॉ. वर्गीस कुरियन चीज प्लांट में इसके साथ ही UHT दूध, Whey-based ड्रिंक्स, मोजरेला चीज, प्रोसेस्ड चीज पैकिंग, स्मार्ट वेयरहाउस आदि का उद्घाटन भी हुआ है।

साथ ही, केन्द्रीय सहकारिता मंत्री ने आज NDDB के ₹45 करोड़ की लागत से निर्मित रेडी-टू-यूज़ कल्चर (RUC), भारतीय राष्ट्रीय सहकारी डेयरी महासंघ (NCDFI) के ₹32 करोड़ की लागत से नवनिर्मित  मुख्यालय भवन का लोकार्पण व NDDB मुख्यालय, आणंद के नए कार्यालय भवन का शिलान्यास भी किया।

 
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *