भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ की नई दिल्ली में संपन्न बैठक मेें 10 सूत्री सुझाव
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ सामान्य निकाय की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए शासी परिषद् के पूर्व सदस्य लखन लाल साहू ने अपने संबोधन में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष दिलीप संघानी एवं देश के विभिन्न राज्यों से आए शासी परिषद् के जिम्मेदार सहकारी पुरूषों से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को शिक्षा पाठ्यक्रम में शामिल करने का अनुरोध किया एवं कहा कि प्राथमिक स्तर से सहकारी विषय पर शिक्षा से पूरा देश प्रभावित होगा जबकि केवल उच्च स्तर पर ही सहकारिता की शिक्षा दी जा रही है। तथा सहकारिता पर विश्वविद्यालय बनाए जाने का निर्णय लिया गया है।
साहू ने अपने तर्कपूर्ण विचारों को प्रतिबित्बित करते हुए कहा कि सहकारिता को शिक्षा से जोडऩे पर समाज में एक अच्छे सच्चरित्र एवं राष्ट्रभक्त युवाओं की फौज तैयार होगी वही सहकारिता के माध्यम से वृक्षारोपण पर्यावरण संरक्षण, सामुहिक खेती, ग्रामीण अर्थव्यवस्था एवं ग्रामीणों के जीवन स्तर में उत्थान, ग्रामीण कुटीर उद्योगों के विस्तार एवं रोजगार मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन पर शासी परिषद् को विचार करना होगा तथा केन्द्रीय सहकारिता एवं राज्यों के सहकारिता विभाग के समन्वय से लागू करना होगा।
तालियों की गडग़ड़ाहट के बीच अपने सारगर्भित संबोधन में लखनलाल साहू ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में काम करने वालों को उच्च प्रशिक्षण देने, वित्तीय संस्थाओं संचालन एवं प्रबंधन पर समय समय पर प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त राज्यों के खनिज संसाधनों को सहकारिता क्षेत्र में लीज के माध्यम से आबंटित किया जाना चाहिए जिससे संबंधित अनुसूचित क्षेत्र का सही ढग़ से विकास हो सके। अंत में उन्होनें अपने 10 सूत्री ज्ञापन में वन क्षेत्र में औषधीय पौधों के रोपण के साथ साथ औषधीय जड़ी बूटी के संग्रहण का कार्य भी सहकारी संस्थाओं के माध्यम से कराए जाने का अनुरोध किया।
उल्लेखनीय है कि लखन लाल साहू इस भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के सम्मेलन का छग राज्य की ओर से प्रतिनिधित्व किया। छग से भारतीय श्रम सहकारी समिति के स्टेट को आडिनेटर नारायण बघेल, गोपाल पटेल, विद्याधर पटेल, पद्म कश्यप, ने बस्तर संभाग का प्रतिनिधित्व किया।