नई दिल्ली। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि प्रकृति हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देती है, हमें भी प्रकृति को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए। यादव ने उक्त बातें जयपुर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय स्वच्छ वायु नील गगन दिवस (स्वच्छ वायु दिवस) के अवसर पर कही। इस अवसर पर स्वच्छ वायु सर्वेक्षण पुरस्कार श्रेणी-1 (10 लाख से अधिक जनसंख्या) के तहत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले एनसीएपी शहरों सूरत, जबलपुर और आगरा को ; श्रेणी-2 (3 से 10 लाख के बीच की जनसंख्या) फिरोजाबाद, अमरावती और झांसी को; और श्रेणी-3 (3 लाख से कम जनसंख्या) रायबरेली, नलगोंडा और नालागढ़ को प्रदान किए गए। विजेता शहरों के नगर आयुक्तों को नकद पुरस्कार, ट्रॉफी और प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।
केंद्रीय मंत्री ने ने विजेता शहरों को बधाई देते हुए और अन्य एनसीएपी शहरों को प्रोत्साहित करते हुए, बहु-हितधारक भागीदारी की आवश्यकता पर जोर देने के साथ-साथ, स्वच्छ वायु में निवेश को बढ़ाने और वायु प्रदूषण को दूर करने के लिए साझा जिम्मेदारी को अपनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने उपस्थित लोगों को याद दिलाया कि ‘प्रकृति हमें अपना सर्वश्रेष्ठ देती है और हमें भी प्रकृति को अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहिए।’
उन्होंने वायु गुणवत्ता पूर्वानुमान के लिए केंद्रीय कमान निगरानी सुविधा, जन भागीदारी पहल, वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए तकनीकी क्रियाकलाप आदि जैसी विभिन्न रणनीतिक पहल करने के लिए छोटे शहरों और कस्बों सहित शहरों की सराहना की। इसमें शामिल सभी एजेंसियों का सामूहिक प्रयास है कि आधार वर्ष 2017 के बाद से अधिकांश एनसीएपी शहरों में वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
उन्होंने युवा वैज्ञानिकों, अनुसंधानकर्ताओं और छात्रों को ‘आईडियाज फॉर लाइफ’ अभियान में भाग लेने और मिशन लाइफ के सात विषयों, अर्थात् जल बचाओ, ऊर्जा बचाओ, अपशिष्ट कम करो, ई-कचरा कम करो, एकल उपयोग प्लास्टिक का इस्तेमाल नहीं करो, सतत खाद्य प्रणाली अपनाओ और स्वस्थ जीवन शैली अपनाओ पर अभिनव विचार/समाधान प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित किया।