कृषि सांख्यिकी की गुणवत्ता बढ़े इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच निरंतर सहयोग की जरुरत

 

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि कृषि सांख्यिकी की गुणवत्ता बढ़ाने के साझा लक्ष्य को अर्जित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच निरंतर सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने राज्यों को नई पहलों को तुरंत अपनाने और उनका प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए भी प्रोत्साहित किया। चतुर्वेदी ने उक्त बातें कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘फसल उत्पादन सांख्यिकी में सुधार’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान कही।
इस सम्मेलन का मुख्य फोकस कृषि उत्पादन अनुमानों को बढ़ाने और डेटा सटीकता को मजबूत करने के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर रहा। इस साल के बजट भाषण में घोषणा किए गए डिजिटल फसल सर्वेक्षण ने फसल रकबा अनुमान की सटीकता का मार्ग प्रशस्त किया। यह फसलों के जियोटैग रकबे के साथ खेत-स्तरीय डेटा भी उपलब्ध कराएगा जो सच्चाई के एकमात्र स्रोत के रूप में कार्य करेगा। देश भर में सभी प्रमुख फसलों के लिए वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए फसल कटाई प्रयोगों के आधार पर उपज की गणना करने के लिए डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (डीजीसीईएस) शुरू किया गया है। इन पहलों से सीधे खेत से लगभग वास्तविक समय और विश्वसनीय डेटा उपलब्ध होने की उम्मीद है, जिससे फसल उत्पादन का कहीं अधिक सटीक अनुमान लगाना संभव हो जाएगा।

इस सम्मेलन में फसल उत्पादन के आंकड़ों की सटीकता और विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए रिमोट सेंसिंग, भू-स्थानिक विश्लेषण और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। संशोधित एफएएसएएल (अंतरिक्ष, कृषि-मौसम विज्ञान और भू-आधारित अवलोकनों का उपयोग करते हुए कृषि उत्पादन की भविष्यवाणी) के माध्यम से फसल उत्पादन के आंकड़े जुटाने में प्रौद्योगिकी के संचार के संबंध में कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर विस्तार से चर्चा की गई। यह अद्यतन संस्करण 10 प्रमुख फसलों के लिए सटीक फसल मानचित्र और रकबे का अनुमान जुटाने के लिए रिमोट सेंसिंग तकनीक का लाभ उठाता है। फसल उपज के पूर्वानुमानों के संबंध में, अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र, भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, भारतीय सांख्यिकी संस्थान, भारतीय कृषि सांख्यिकी अनुसंधान संस्थान और आर्थिक विकास संस्थान जैसी विभिन्न विशेषज्ञ एजेंसियों के साथ सहयोग किया गया है।

सम्मेलन का एक और महत्वपूर्ण पहलू यूपीएजी पोर्टल का उपयोग करके कृषि डेटा का त्रिकोणीय सर्वेक्षण और सत्यापन करना था। यह प्लेटफ़ॉर्म विभिन्न स्रोतों से डेटा का क्रॉस-सत्यापन करने की अनुमति देगा, जिससे कृषि सांख्यिकी की मजबूती सुनिश्चित होगी। इसमें एक उन्नत डेटा प्रबंधन प्रणाली है जो सटीक फसल अनुमान जुटाने के लिए विभिन्न स्रोतों को एकीकृत करती है। यह प्रणाली साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में मदद करती है और नीति निर्माताओं तथा हितधारकों को कृषि डेटा संबंधी पहुंच के लिए केंद्रीय हब के रूप में कार्य करती है।

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