संसद का मानसूत्र सत्र आज से हंगामेदार होने के आसार

नई दिल्ली। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में हंगामा बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं। सत्ता पक्ष जहां संसद को सुचारु रुप से चलाने के लिए प्रयासरत है वहीं विपक्ष पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता के दावों, बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण आदि विषयों पर सरकार को घेरने के लिए तेयार है।

संसद सत्र से पहले मोदी सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस की ओर से साफ कर दिया गया था कि सरकार पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल, सीडीएस, उप-सेनाध्यक्ष और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान आदि विषयों पर खुलकर चर्चा करे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि चुनाव आयोग की SIR प्रक्रिया यानी ‘वोटवंदी’, जिससे बिहार, पश्चिम बंगाल, असम और अन्य राज्यों में करोड़ों लोगों के मताधिकार पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। वहीं विदेश नीति की विफलताएँ, विशेषकर चीन के संदर्भ में पड़ोसी देशों से रिश्तों में गिरावट और फिलिस्तीन के मसले पर सरकार की नैतिक कायरता साफ तौर पर दिखाई पड़ रही है। रमेश ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करना, लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना, और मणिपुर की स्थिति जहां प्रधानमंत्री अभी तक नहीं गए हैं इन विषयों पर भी सरकार को जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि इन सभी बहसों का जवाब स्वयं प्रधानमंत्री दें और हर बहस कम से कम दो दिन तक चले।

वहीं भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने कहा कि विपक्ष के पास कोई वास्तविक मुद्दा नहीं है, इसलिए​ बिना मुद्दों को सत्र में उठाने का काम कर रही है। जबकि कांग्रेस सांसद सुखदेव भगत ने कहा कि इस संसद सत्र में हम उम्मीद करते हैं कि सरकार पहलगाम आतंकी हमले, युद्धविराम पर सहमति कैसे बनी, और सांसदों की वैश्विक पहुंच (ऑपरेशन सिंदूर पर) पर चर्चा करेगी।

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