नई दिल्ली। केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में पंचायत (अनुसूचित क्षेत्रों तक विस्तार) अधिनियम, 1996 (पीईएसए) पर राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि, “हमें जमीनी स्तर पर पीईएसए को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अपने अधिकारों और जिम्मेदारियों के बीच संतुलन बनाना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण से प्रेरित होकर, हम ‘लैब टू लैंड’ अवधारणा को मूर्त रूप देते हुए जमीनी स्तर पर निवासियों के लिए पीईएसए को सुलभ और कार्रवाई योग्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” उन्होंने कहा कि, “पंचायती राज मंत्रालय पीईएसए गांवों में ग्राम सभाओं को मजबूत और जीवंत मंच के रूप में सशक्त बनाने के लिए ठोस प्रयास कर रहा है, प्रभावी और समग्र विकास सुनिश्चित करने के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।”
प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने पीईएसए के कार्यान्वयन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “अनुसूचित क्षेत्रों में पीईएसए की सफलता के लिए शासन में महिलाओं का सशक्तिकरण और सक्रिय भागीदारी सर्वोपरि है। हमारे आदिवासी समुदायों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त धन, बुनियादी ढांचा और बेहतर जीवन स्तर, स्वास्थ्य और शिक्षा तक पहुंच आवश्यक है। इनके माध्यम से, हम सभी के लिए एक उज्ज्वल और अधिक समावेशी भविष्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” प्रो. बघेल ने बताया कि आज जारी किए गए प्रशिक्षण मॉड्यूल केवल सैद्धांतिक नहीं हैं, बल्कि पूरी तरह से कार्रवाई-उन्मुख हैं, जिसमें कार्यान्वयन में आसानी सुनिश्चित करने के लिए हर मॉड्यूल में व्यावहारिक कदम शामिल हैं। उन्होंने कहा, “ पीईएसए प्रावधानों के तहत ग्राम पंचायत विकास योजनाएं बनाने की पहल परिवर्तनकारी साबित होगी, क्योंकि यह प्रशिक्षुओं की समझ का विस्तार करती है और उन्हें व्यावहारिक कठिनाइयों के बिना योजनाओं को लागू करने में सक्षम बनाती है।”
केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री दुर्गादास उइके ने समापन सत्र के दौरान मुख्य भाषण दिया। यह राष्ट्रीय सम्मेलन देश भर में अनुसूचित क्षेत्रों में शासन और विकास को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की दिशा में एक बड़ा कदम है। सम्मेलन में दस पीईएसए राज्यों के 500 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमे राज्य पंचायती राज मंत्री, केंद्रीय और राज्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी, पंचायती राज प्रणाली के सभी तीन स्तरों के प्रतिनिधि और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे, जिन्होंने पीईएसए अधिनियम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए देशव्यापी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।
राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्य प्रदेश के पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, हिमाचल प्रदेश के पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह और तेलंगाना की पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री सुश्री डी. अनसूया सीथक्का ने अपने-अपने राज्यों में पीईएसए के प्रभावी क्रियान्वयन की दिशा में प्रगति, हस्तक्षेप और पहलों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने अन्य संबंधित अधिनियमों, वित्तीय प्रावधानों, प्रशिक्षण गतिविधियों और सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करते हुए आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के प्रयासों के एकीकरण पर चर्चा की।