पंचायती राज मंत्रालय ने आयोजित किया पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम

लो.पं. ब्यूरो

पंचायती राज मंत्रालय के सचिव विवेक भारद्वाज ने भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए), नई दिल्ली में राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के तहत राज्य नोडल अधिकारियों और राज्य कार्यक्रम प्रबंधकों के लिए एक पांच दिवसीय पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। श्री भारद्वाज ने अपने मुख्य भाषण में प्रतिभागियों से समर्पण और गुणवत्तापूर्ण कार्य के माध्यम से ग्रामीण जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने प्रतिभागियों से अपनी क्षमता को पहचानने, लोगों की आकांक्षाओं को समझने और अपने प्रदर्शन में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने का आग्रह किया। उन्होंने देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर सकारात्मक बदलाव लाने के लिए आवश्यक अपार मानवीय क्षमता, दृढ़ संकल्प और भावावेशपूर्ण आकांक्षा पर रोशनी डाली।

श्री भारद्वाज ने कहा, “पंचायतों के पास संसाधनों और धन की कमी नहीं है; क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण (सीबीटी) पहलों में महत्वपूर्ण निवेश किया जा रहा है। वास्तविक जरूरत इन प्रयासों के सकारात्मक परिणामों को जमीनी स्तर पर देखने की है।” उन्होंने मानसिकता में सकारात्मक बदलाव के माध्यम से गुणवत्ता और ठोस परिणाम सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण की वकालत की। उन्होंने उदाहरण देकर समझाया कि कैसे सकारात्मक मानसिकता के साथ परिवर्तनकारी प्रथाओं, मजबूत और सार्थक संस्थानों की स्थापना कर सकते हैं, जो आत्मनिर्भर हैं। श्री भारद्वाज ने कहा कि केंद्रीय वित्त आयोग से अनुदान के साथ शुरू की गई परियोजनाओं का उद्घाटन या उनका अनावरण न केवल व्यापक मान्यता प्राप्त करेगा, बल्कि अन्य पंचायतों को भी प्रेरित करेगा। उन्होंने आगे कहा, “स्वामित्व योजना को लागू करके और संपत्ति कर संग्रह की प्रक्रिया को स्वयं के स्रोत राजस्व (ओएसआर) पहलों के साथ जोड़कर, हम पंचायतों की आय बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।“ उन्होंने प्रतिभागियों को अन्य पंचायतों को प्रेरित करने के लिए उनके सीखने और अनुभवों को साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया।

1 जुलाई से 5 जुलाई 2024 तक चलने वाले इस पांच दिवसीय आवासीय पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम में 27 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 50 से अधिक राज्य नोडल अधिकारी (एसएनओ) और राज्य कार्यक्रम प्रबंधक (एसपीएम) ने भाग लिया। आईआईपीए के महानिदेशक एस.एन. त्रिपाठी ने अपने संबोधन में क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण (सीबीटी) की दिशा में पंचायती राज मंत्रालय की अभिनव पहलों की सराहना की। उन्होंने स्थानीय कार्रवाई में वैष्विक परिप्रेक्ष्य लाते हुए सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) के स्थानीयकरण की अवधारणा के माध्यम से गांवों में समावेशी, समग्र और सतत विकास कार्यों को वैष्विक लक्ष्यों के साथ जोड़ने में एमओपीआर के दूरदर्शी प्रयासों पर रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के निरंतर प्रयासों से पंचायतों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके सराहनीय कार्यों के लिए मान्यता प्राप्त हुई है। उन्होंने, आईआईएम अहमदाबाद में पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान करने की पंचायती राज मंत्रालय की पहल की सराहना करते हुए, इसे नवप्रवर्तनकारी और पथ-प्रदर्शक बताया।

पंचायती राज मंत्रालय के अपर सचिव डॉ. चंद्रशेखर कुमार ने अपने भाषण में मंत्रालय द्वारा निरंतर संवाद, सहायता और आउटरीच के साधन के रूप में ऐसे पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने सेवा वितरण, पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) की गुणवत्ता, वित्तीय प्रबंधन पर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के माध्यम से डिजिटल शासन के सकारात्मक प्रभावों का उल्लेख किया।

पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव विकास आनंद ने इस तरह के पहले पुनश्चर्या प्रशिक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला, जिसका उद्देश्य प्रतिभागियों की क्षमता, कौशल विकास, नेतृत्व क्षमता और उनके प्रदर्शन को बेहतर करना है। पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में नेतृत्व कौशल, टीमवर्क, संघर्ष प्रबंधन, संचार कौशल, मीडिया संबंध, सामुदायिक जुड़ाव, संकट संचार तथा विभिन्न पहलों जैसे ई-ग्राम स्वराज, पीएफएमएस, टीएमपी, ओएसआर पर व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल हैं। प्रशिक्षण में वार्षिक कार्य योजनाओं की तैयारी, आरजीएसए के तहत प्रगति की रिपोर्टिंग और ऑडिट ऑनलाइन, मेरी पंचायत और पंचायत निर्णय जैसे पोर्टलों का उपयोग भी शामिल है। पांच दिवसीय पुनश्चर्या प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य विकासात्मक और नैदानिक दृष्टिकोणों के माध्यम से प्रतिभागियों की नेतृत्व क्षमताओं को बढ़ाना, सुधार के क्षेत्रों की पहचान करना और आवश्यक शासन कौशल को बेहतर बनाना है। प्रशिक्षण पूरा होने पर, प्रतिभागियों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपनी टीमों को उच्च प्रदर्शन और प्रभावशीलता के लिए नेतृत्व प्रदान करें, स्थानीय शासन में समकालीन नेतृत्व अवधारणाओं

की गहन समझ हासिल करें, महान लोक सेवकों के समान अपने स्वयं के नेतृत्व गुणों की पहचान करें, अपने पंचायतों के भीतर एक लचीले और चुस्त प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए संसाधनों को रणनीतिक रूप से संरेखित करें और अधिक प्रभावी कामकाज के लिए अपने कौशल सेट्स को बेहतर करें।

पंचायती राज मंत्रालय ने ग्रामीण परिदृश्य को बदलने के लिए कई पहल की हैं, जिसमें पीआरआई के माध्यम से सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) का स्थानीयकरण, साक्ष्य-आधारित विषयगत पंचायत विकास योजनाओं (पीडीपी) की तैयारी, स्थानिक नियोजन और पंचायत विकास सूचकांक (पीडीआई) का संस्थागतकरण शामिल है। ये पहलें कई पोर्टल और अनुप्रयोग जैसे कि ईग्रामस्वराज, पीएफएमएस, ऑडिट ऑनलाइन, प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल आदि द्वारा समर्थित की जाती हैं।

भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के सहयोग से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य इन पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अधिकारियों को प्रशिक्षित करना और उनका कौशल बढ़ाना है। 2024-25 के दौरान आईआईपीए, नई दिल्ली के माध्यम से चरणबद्ध तरीके से एसएनओ, एसपीएम और डीपीएम को लक्षित करते हुए बारह आवासीय प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। आईआईपीए ने अपने व्यापक अनुभव और विशेषज्ञता के साथ 1 से 5 जुलाई, 2024 के दौरान पहले बैच के प्रशिक्षण का संचालन किया।

राज्य नोडल अधिकारियों (एसएनओ) और राज्य कार्यक्रम प्रबंधकों (एसपीएम) की नेतृत्व क्षमताओं को बढ़ाना; प्रतिभागियों को ई-ग्राम स्वराज, पंचायत विकास योजनाएं, पंचायत विकास सूचकांक (पीडीआई), प्रशिक्षण प्रबंधन पोर्टल (टीएमपी), मेरी पंचायत जैसी एमओपीआर पहलों पर नवीनतम अपडेट से लैस करना, इन पहलों के व्यावहारिक अनुप्रयोग के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करना, आरजीएसए के तहत पीआरआई को मजबूत करने के लिए नवप्रवर्तनकारी हस्तक्षेपों पर विचार मंथन करना।

कार्यक्रम वयस्क शिक्षा सिद्धांतों का पालन करता है, जो शिक्षा सामग्री की प्रासंगिकता, संबद्धता और अनुप्रयोज्यता सुनिश्चित करता है। इसमें नई पहलों की बेहतर समझ के लिए व्यावहारिक गतिविधियां शामिल हैं। यह कार्यक्रम नेतृत्व कौशल, टीमवर्क, संघर्ष प्रबंधन और संचार कौशल पर सत्रों के साथ शुरू होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *