प्रधानमंत्री ने किया नाबार्ड द्वारा आयोजित ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के भारत मंडपम में ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का उद्घाटन किया। इस महोत्सव का विषय ‘विकसित भारत 2024 के लिए एक प्रतिस्कंदी ग्रामीण भारत का निर्माण करना’ है। इस अवसर पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने सभी लोगों को 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि वर्ष की शुरुआत में ग्रामीण भारत महोत्सव का भव्य आयोजन भारत की विकास यात्रा की झलक प्रस्तुत कर रहा है और इसकी पहचान बना रहा है। उन्होंने इस आयोजन के लिए नाबार्ड और अन्य सहयोगियों को बधाई दी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हम में से जो लोग गांवों में पैदा हुए और पले-बढ़े हैं, वे गांवों की क्षमता को जानते हैं। उन्होंने कहा कि गांव की आत्मा उन लोगों में भी बसती है जो गांवों में रहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग गांवों में रहे हैं, वे गांव का सच्चा जीवन जीना भी जानते हैं। नरेन्द्र मोदी ने कहा कि वे भाग्यशाली हैं कि उनका बचपन एक छोटे से शहर में साधारण परिवेश में बीता। उन्होंने कहा कि बाद में जब वे शहर से बाहर निकले तो उन्होंने ग्रामीण इलाकों में समय बिताया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने गांव की कठिनाइयों का अनुभव किया है और वहां की संभावनाओं से भी परिचित हूं।” उन्होंने कहा कि बचपन से ही उन्होंने देखा है कि गांव के लोग मेहनती तो होते हैं, लेकिन पूंजी की कमी के कारण सही अवसरों से चूक जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में ग्रामीणों की अलग-अलग क्षमताएं होने के बावजूद, वे अपनी बुनियादी सुविधाओं को पूरा करने की तलाश में खो जाते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के सामने प्राकृतिक आपदाओं, बाजारों तक पहुंच की कमी जैसी कई चुनौतियां हैं। उन्होंने कहा कि इन सबका सामना करने के बाद, उन्होंने अपने मन को दृढ़ किया और इन चुनौतियों से निपटने के लिए प्रोत्साहित हुए। उन्होंने आगे कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्रों में किए जा रहे विकास कार्य गांवों से मिली सीख और अनुभवों से प्रेरित हैं। मोदी ने कहा कि 2014 से वे लगातार ग्रामीण भारत की सेवा में लगे हुए हैं।

अपने भाषण का समापन करते हुए प्रधानमंत्री ने गांवों को सशक्त बनाने की दिशा में निरंतर काम करने और संकल्पों को हर गांव तक पहुंचाने की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने विश्वास जताया कि गांवों के विकास से ही एक विकसित भारत का निर्माण होगा। इस अवसर पर केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण और वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 (जीबीएम 2025) में देश भर से आए विविध कारीगरों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 2014 से ग्रामीण विकास सरकार के एजेंडे में शीर्ष स्थान पर रहा है। सरकार मुख्य रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा वित्तपोषित विभिन्न केंद्रीय योजनाओं के माध्यम से गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रही है।

ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाते हुए, ग्रामीण भारत महोत्सव 2025 का आयोजन 4 से 9 जनवरी तक किया जा रहा है। इस महोत्सव का विषय है ‘विकसित भारत 2047 के लिए एक प्रतिस्कंदी ग्रामीण भारत का निर्माण’ और इसका आदर्श वाक्य है “गांव बढ़े, तो देश बढ़े”। महोत्सव का उद्देश्य ग्रामीण भारत की उद्यमशीलता की भावना और सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाना है। इसका उद्देश्य विभिन्न चर्चाओं, कार्यशालाओं और मास्टरक्लास के माध्यम से ग्रामीण बुनियादी ढांचे को बढ़ाना, आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था बनाना और ग्रामीण समुदायों के भीतर नवाचार को बढ़ावा देना है। इसके अन्य उद्देश्यों में वित्तीय समावेशन को संबोधित करके और टिकाऊ कृषि प्रथाओं का समर्थन करके उत्तर-पूर्व भारत पर विशेष ध्यान देने के साथ ग्रामीण आबादी के बीच आर्थिक स्थिरता और वित्तीय सुरक्षा को बढ़ावा देना शामिल हैं।महोत्सव का एक महत्वपूर्ण फोकस उद्यमिता के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाना; सहयोगात्मक और सामूहिक ग्रामीण बदलाव के लिए रोडमैप बनाने हेतु सरकारी अधिकारियों, विचारकों, ग्रामीण उद्यमियों, कारीगरों और विविध क्षेत्रों के हितधारकों को एक साथ लाना; ग्रामीण आजीविका को बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी और नवीन प्रथाओं का लाभ उठाने के बारे में चर्चाओं को प्रोत्साहित करना और जीवंत प्रदर्शनों और प्रदर्शनियों के माध्यम से भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करना है।

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