नई दिल्ली। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के केंद्र प्रायोजित घटकों में से एक ‘कृषि मशीनीकरण पर उप-मिशन (एसएमएएम)’ राज्य सरकारों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है। एसएमएएम के तहत किसानों को व्यक्तिगत स्वामित्व के आधार पर कटाई के बाद और प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों सहित विभिन्न कृषि मशीनों और उपकरणों की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। किसानों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार किराये के आधार पर मशीनें और उपकरण उपलब्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (सीएचसी) और ग्राम स्तरीय कृषि मशीनरी बैंक (एफएमबी) की स्थापना के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। एसएमएएम के तहत किसानों के खेतों पर किसान ड्रोन के प्रदर्शन, किसानों द्वारा व्यक्तिगत स्वामित्व के आधार पर ड्रोन की खरीद और कृषि उद्देश्य के लिए किसानों को ड्रोन की सेवाएं प्रदान करने के लिए किसान ड्रोन के कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को 3 वर्ष (2023-24 से 2025-26) की अवधि के दौरान 15,000 ड्रोन उपलब्ध कराने के लिए केंद्रीय क्षेत्र योजना ‘नमो ड्रोन दीदी’ को मंजूरी दी है, ताकि उन्हें स्थायी व्यवसाय और आजीविका सहायता प्रदान की जा सके। प्रमुख उर्वरक कंपनियों (एलएफसी) ने अपने आंतरिक संसाधनों का उपयोग करके 2023-24 में एसएचजी की ड्रोन दीदियों को 1,094 ड्रोन वितरित किए हैं। ड्रोन दीदियों को वितरित किए गए इन 1,094 ड्रोन में से 500 ड्रोन नमो ड्रोन दीदी योजना के तहत वितरित किए गए हैं। योजना के तहत शेष 14,500 ड्रोन वित्तीय वर्ष 2025-26 के अंत तक वितरित करने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकार ने सितंबर 2024 में 2817 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है। इस मिशन का उद्देश्य देश में एक मजबूत डिजिटल कृषि इको-सिस्टम को सक्षम करना है, ताकि किसान-केंद्रित डिजिटल समाधानों को आगे बढ़ाया जा सके और देश के सभी किसानों को समय पर और विश्वसनीय फसल संबंधी जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। इस मिशन में कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना जैसे एग्रीस्टैक, कृषि निर्णय सहायता प्रणाली, व्यापक मृदा उर्वरता और प्रोफाइल मानचित्र और केंद्र/राज्य सरकारों द्वारा की जाने वाली अन्य आईटी पहलों का निर्माण शामिल है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के बारे में किसानों के सवालों का हल करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) संचालित चैटबॉट ‘किसान ई-मित्र’ भी विकसित किया गया है।
कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने राज्यसभा में यह जानकारी दी।