नई दिल्ली। देश भर के 194 जिलों में विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) की बस्तियों और पीवीटीजी परिवारों तक पहुंचने के उद्देश्य से, केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय 23 अगस्त, 2024 से 10 सितंबर, 2024 तक प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम-जनमन) के लिए एक राष्ट्रव्यापी सूचना, शिक्षा और संचार (आईईसी) अभियान और लाभार्थी शिविर का संचालन कर रहा है। इस अभियान का उद्देश्य यह है कि सरकारी योजनाओं का जनजातीय क्षेत्र में शत—प्रतिशत लोगों को लाभ मिल सके।
इस अभियान का उद्देश्य पीवीटीजी परिवारों को प्रमुख व्यक्तिगत अधिकारों का लाभ प्रदान करना और पीवीटीजी बस्तियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए पीएम-जनमन हस्तक्षेपों के बारे में जानकारी प्रदान करना है, ताकि इन जनजातीय समुदायों को केंद्र और राज्य की योजनाओं और उनके तहत मिलने वाले लाभों के बारे में जागरूक किया जा सके। इस पहल में हर उस पीवीटीजी परिवार को शामिल किया जाएगा जिनसे दूरी, सड़क और डिजिटल कनेक्टिविटी की कमी के कारण संपर्क नहीं हो सका है। ऐसे परिवारों को उनके घर पर ही सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इन कार्यक्रमों के आयोजन के लिए हाट बाजार, सामुदायिक सेवा केंद्र, ग्राम पंचायत, आंगनवाड़ी, बहुउद्देशीय केंद्र, वनधन विकास केंद्र, कृषि विज्ञान केंद्र जैसे स्थानों का उपयोग किया जाएगा। इसके अलावा, अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए माईभारत स्वयंसेवकों, नेहरू युवक केंद्रों, कृषि विज्ञान केंद्रों, एनएसएस, एनसीसी, एसएचजी/एफपीओ और अन्य ऐसे निकायों से सक्रिय भागीदारी की अपेक्षा की जा रही है।
इस अभियान की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में जिला स्तर पर अधिकारियों को नियुक्त किया गया है, जबकि राज्य स्तर के अधिकारी अभियान और मिशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के विभिन्न विभागों के साथ समन्वय करेंगे। सभी संबंधित विभागों के बीच तालमेल सुनिश्चित करने के लिए नियमित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ सलाहकारों और निचले स्तर तक के अन्य संविदा कर्मियों के लिए अभिविन्यास कार्यशालाएँ आयोजित की जाएँगी। इसके अलावा, विभिन्न राज्यों में जनजातीय अनुसंधान संस्थान जिला, ब्लॉक और जनजातीय आवास स्तरों पर इन गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें क्रियान्वित करने में सहायता करेंगे।