कृषि और ग्रामीण विकास के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता: शिवराज सिंह चौहान

जयपुर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण व ग्रामीण विकास मंत्री  शिवराज सिंह चौहान ने  राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 में भाग लिया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत की परंपरा रही है अतिथि देवो भवः, राजस्थान की धरती पर जो प्रयास निवेशकों का हुआ है उसके लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और उनकी टीम को बधाई। प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक वैभवशाली, गौरवशाली, सम्पन्न, समृद्व और शक्तिशाली भारत का निर्माण हो रहा है। भारत केवल भारत के लिए नहीं है, भारत पूरे विश्व के लिए है विश्वबंधु भारत है। हमारे ऋषियों ने हजारों साल पहले कहा है कि सारी दुनिया एक परिवार है।

उन्होंने कहा कि सारी दुनिया राजस्थान में समाई हुई है। दुनिया के अनेकों देशों से निवेशक यहां उपस्थित हुए हैं। बिना खेती के वैभवशाली व गौरवशाली भारत नहीं बन सकता है। कृषि आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान उसकी आत्मा हैं। किसानों की सेवा हमारे लिए भगवान की पूजा है। कृषि और ग्रामीण विकास के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता है। खाद्य सुरक्षा के लिए व जीवित रहने के लिए कृषि आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ये संकल्प है कि भारत को दुनिया की फूड बॉस्केट बनाकर ही चैन लेंगे, उसके लिए 6 सूत्रीय रणनीति है। निवेशकों से कहना चाहता हूं कि कृषि के बिना समृद्वि नहीं आती है। किसान सबसे बडा़ उत्पादक भी है और सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। कृषि केंद्र बिन्दू है और कृषि को आगे बढ़ाने के लिए आप उसमें निवेश की संभावनायें ढूंढ लें।

चौहान ने कहा कि 6 सूत्रीय रणनीति में सबसे पहले उत्पादन बढ़ाना है। उत्पादन बढ़ाने के लिए अच्छे बीज होना आवश्यक है। इसी साल 109 बीजों की वैरायटी भी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पित की हैं। 18 से 22 प्रतिशत कृषि दर पानी से ही प्राप्त कर सकते हैं। ये जमाना प्रेशराइज़ पाइप प्रणाली का है। नई कृषि की पद्वतियां यानि यंत्रीकरण खेती को भी हम बढ़ावा दे रहे हैं। यंत्रीकरण खेती में जो भी उपकरण लगते हैं उनमें ज्यादा निवेश करना होगा। खेती की उत्पादन लागत कम करना  – हम उत्पादन बढ़ायेंगे, उत्पादन की लागत को कम करने पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।  कम ब्याज पर ऋृण ताकि किसान को आसान से ऋृण मिल जाये। अनावश्यक खाद/फर्टिलाइजर का उपयोग कम करने का प्रयत्न भी किया जा रहा है। उन्होंने निवेशकों से कहा कि कैमिकल फर्टिलाइजर भी आवश्यक है। राजस्थान में उसके क्या विकल्प हैं उस पर काम करने का प्रयास करें। देश को खाद के मामले में आत्मनिर्भर बनाना चाहते हैं।

चौहान ने कहा कि हम प्रयास कर रहे हैं कि किसानों को उत्पादन के उचित दाम मिले। उसके लिए अलग-अलग फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदते हैं। आवश्वयकता के अनुसार नीतिगत बदलाव भी करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे यह बताते हुए हुए प्रसन्नता हो रही है कि किसान और इन्डस्ट्री के भले के लिए पाम ऑयल पर साढ़े 7 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया ताकि यहां की इन्डस्ट्री आगे बढ़ सके और किसान को ठीक दाम मिल सके। ऐसे ही प्याज के दाम कम होने पर निर्यात शुल्क 40 प्रतिशत से घटाकर 20 प्रतिशत किया। राइस इन्डस्ट्री को ठीक करने के लिए न्यूनतम निर्यात शुल्क कम कर निर्यात की सुविधा दी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *