सरकार की प्रमुख योजना के अंतर्गत 10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन का लक्ष्य हुआ हासिल

नई दिल्ली।  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 29 फरवरी, 2020 को “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के गठन और संवर्धन के लिए केंद्रीय योजना का शुभारंभ किया था। इस योजना को वर्ष 2027-28 तक 6,865 करोड़ रुपए के बजट परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। योजना की शुरुआत के बाद से, 4,761 एफपीओ को 254.4 करोड़ रुपए के प्रतिभूति अनुदान जारी किए गए हैं और 1,900 एफपीओ को 453 करोड़ रुपए का क्रेडिट गारंटी कवर जारी किया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में बिहार के भागलपुर में पीएम-किसान की 19वीं किस्त जारी करने के साथ ही 10,000वें एफपीओ का शुभारंभ किया। 10,000वां एफपीओ खगड़िया जिले में पंजीकृत किया गया है और यह मक्का, केला और धान पर केंद्रित है। एफपीओ केवल संगठन नहीं हैं, बल्कि किसानों की आय बढ़ाने और छोटे किसानों को महत्वपूर्ण बाजार लाभ, मोल-भाव की शक्ति और बाजार पहुंच में सुधार के लिए सीधी पहुंच प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है। देश में लगभग 30 लाख किसान एफपीओ से जुड़े हैं, जिनमें से लगभग 40 प्रतिशत महिलाएं हैं। ये एफपीओ अब कृषि क्षेत्र में हजारों करोड़ रुपये का कारोबार कर रहे हैं।

इस योजना के अंतर्गत गठित प्रत्येक नए एफपीओ को पांच साल की अवधि के लिए हैंडहोल्डिंग समर्थन और योजना के अंतर्गत प्रत्येक एफपीओ को 3 साल के लिए प्रबंधन लागत के लिए 18 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त एफपीओ के प्रत्येक किसान सदस्य को 2,000 रुपए का प्रतिभूति अनुदान दिया जाएगा, जिसकी सीमा प्रति एफपीओ 15.00 लाख रुपये होगी और एफपीओ की संस्थागत ऋण पहुंच सुनिश्चित करने के लिए पात्र ऋणदाता संस्थानों से प्रति एफपीओ 2 करोड़ रुपये तक के परियोजना ऋण की गारंटी सुविधा दी जाएगी।

एफपीओ क्या हैं?

किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) कंपनी अधिनियम के भाग IXA के सहकारी समिति अधिनियम के अंतर्गत निगमित/पंजीकृत किसान-उत्पादक संगठन को संदर्भित करता है और कृषि तथा संबद्ध क्षेत्र के उत्पादन और विपणन में पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं के माध्यम से सामूहिक लाभ उठाने के उद्देश्य से इनका गठन किया गया है।

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