सहकारी संस्थाओं ने गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है— श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

कोल्हापुर। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने महाराष्ट्र के कोल्हापुर स्थित वारणानगर में श्री वारणा महिला सहकारी समूह के स्वर्ण जयंती समारोह की गरिमा बढ़ाईं। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने कहा कि समाज में निहित शक्ति का सदुपयोग करने के लिए सहकारिता सर्वश्रेष्ठ माध्यम है। सहकारिता के सिद्धांत संविधान में परिकल्पित न्याय, एकता और भाईचारे की भावना के अनुरूप हैं। जब अलग-अलग वर्गों और विचारधाराओं के लोग सहकार के लिए एकजुट होते हैं, तो उन्हें सामाजिक विविधता का लाभ मिलता है। देश के आर्थिक विकास में सहकारी समितियों ने अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अमूल और लिज्जत पापड़ जैसे घरेलू ब्रांड ऐसी सहकारी समितियों के ही उदाहरण हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि अगर आज भारत विश्व का सबसे बड़ा दूध उत्पादक है तो इस सफलता में सहकारी समूहों का महत्वपूर्ण योगदान है। आम तौर पर सभी राज्यों में सहकारी समितियां मुख्य रूप से दूध उत्पादों का उत्पादन और वितरण करती हैं। केवल दूध ही नहीं, सहकारी संस्थाएं उर्वरक, कपास, हथकरघा, आवास (हाउसिंग), खाद्य तेल और चीनी जैसे क्षेत्रों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

राष्ट्रपति ने कहा कि सहकारी संस्थाओं ने गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लेकिन तेजी से बदलते इस समय में उन्हें खुद को भी बदलने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कई सहकारी समितियां पूंजी व संसाधनों की कमी, शासन व प्रबंधन और कम भागीदारी जैसी समस्याओं का सामना कर रही हैं। राष्ट्रपति ने आगे कहा कि अधिक से अधिक युवाओं को सहकारिता से जोड़ना इस दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है। युवा, प्रशासन और प्रबंधन में प्रौद्योगिकी को शामिल करके उन संस्थाओं का कायाकल्प कर सकते हैं। उन्होंने सहकारी संस्थाओं को जैविक खेती, भंडारण क्षमता निर्माण और इको-टूरिज्म (पर्यटन) जैसे नए क्षेत्रों में अवसर तलाशने की सलाह दीं।

राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी उद्यम की सफलता का असली राज उसका आम लोगों के साथ जुड़ाव है। इसे देखते हुए सहकारी समितियों की सफलता के लिए एक लोकतांत्रिक व्यवस्था और पारदर्शिता महत्वपूर्ण है। सहकारी संस्थाओं में सदस्यों के हित सर्वोपरि होने चाहिए। यह हमेशा ध्यान में रखा जाना चाहिए कि कोई भी सहकारी संस्था किसी व्यक्ति के निजी स्वार्थ और लाभ कमाने का एक साधन न बने, अन्यथा सहकारिता का उद्देश्य ही समाप्त हो जाएगा। सहकारी समितियों में किसी के एकाधिकार की जगह वास्तविक सहकार होना चाहिए।

राष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद जनसमूह, जिसमें अधिकतर महिलाएं शामिल थीं, से शिक्षा के महत्व को समझने, नई तकनीकों को सीखने, दैनिक जीवन में पर्यावरण संरक्षण को महत्व देने, जरूरतमंदों की सहायता करने और देश के विकास में अपना योगदान देने के लिए हमेशा तैयार रहने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि हमारे व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास विश्व पटल पर भारत को ऊंचे स्थान पर पहुंचाएंगे।

4 thoughts on “सहकारी संस्थाओं ने गरीबी उन्मूलन, खाद्य सुरक्षा और प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है— श्रीमती द्रौपदी मुर्मु

  1. Definitely belpieve that which you said. Your favorite reason appeared to
    be on the net the easiest thing to be aware of. I say to you,
    I definitely get annoyed while people consider worries that theyy just
    do not know about. You managed to hit the nail upon the top as well as defined out
    the whole thing without having side-effects , people could take a signal.
    Will likely be back to get more. Thanks

    my homepage :: https://www.fapjunk.com

  2. First off I would like to say terrific blog!
    I had a quick question in which I’d like to ask if
    you do not mind. I was interested to find out how you center yourself
    and clear your thoughts before writing. I’ve had a hard time clearing my mind in getting my ideas out there.
    I do enjoy writing however it just seems like the first 10 to
    15 minutes are generally lost simply just trying to figure out how
    to begin. Any ideas or tips? Appreciate it!

  3. I’m very pleased to find this web site. I
    need to to thank you for your time for this particularly wonderful read!!
    I definitely really liked every bit of it and i also have you book-marked to check out
    new things in your web site.

Leave a Reply to vajram vivera Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *