भोपाल। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय सहकारी सम्मेलन को मुख्य अतिथि के तौर पर संबोधित किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, राज्य के सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग और केन्द्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी, एनडीडीबी के चेयरमैन डॉ. मीनेश शाह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इस दौरान मध्य प्रदेश में दूध उत्पादन में सहकारी डेयरी समितियों का योगदान बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी ) और मध्य प्रदेश सहकारी डेयरी फेडरेशन (एमपीसीडीएफ) के बीच अनुबंध हुआ है। अमित शाह ने कहा कि इस अनुबंध से मध्य प्रदेश के हर गांव तक सहकारी डेयरी का विस्तार होगा। उन्होंने कहा कि अभी मध्य प्रदेश में साढ़े पाँच करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है, जो देश में हो रहे कुल दूध उत्पादन का नौ प्रतिशत है। इसमें सहकारी डेयरियों से आ रहे दूध का हिस्सा एक प्रतिशत से भी काम है। मध्य प्रदेश और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के बीच हुए अनुबंध से इस प्रतिशत में बढ़ोतरी होगी।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि, पशुपालन और सहकारिता, तीनों क्षेत्र में ढेर सारी संभावनाएं मौजूद हैं और उनका शत-प्रतिशत दोहन करने के लिए ढेर सारा काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सालों से देश में सहकारिता आंदोलन मृतप्राय होता जा रहा था और देश में अलग-अलग स्तर पर बंटा हुआ था। इसकी वजह यह थी कि सहकारी कानूनों में समय के साथ जरूरी बदलाव नहीं हुए।
अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान में मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव छोड़कर सारे कोऑपरेटिव राज्यों का विषय है। उन्होंने कहा कि देश में तेजी से बदलती हुई परिस्थितियों के अनूकूल कानून बनाने की पहल कभी नहीं की गई। हर राज्य की भौगोलिक परिस्थिति, बारिश की स्थिति, ग्रामीण विकास, कृषि विकास और पशुपालन के आयाम को ध्यान में रखते हुए कभी राष्ट्रीय स्तर पर कोई विचार किया ही नहीं गया। श्री शाह ने कहा कि यह विचार होता भी कैसे, क्योंकि राष्ट्रीय स्तर पर कोई सहकारिता मंत्रालय ही नहीं था। उन्होंने कहा कि आजादी के 75 साल बाद देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की और उन्हें पहला सहकारिता मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
किसान भाइयों के लिए डेरी सेक्टर वरदान से कम नहीं है, दुग्ध उत्पादन से दुग्ध उत्पादों पर काम करने की आवश्यकता है, आज भी गांव का दूध, मट्ठा,देशी घी गुणवत्तापूर्ण है,
बाजार में कैसे इन उत्पादों को उतार कर सर्व प्रिय बनाया जाए, इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है,
सरकार का प्रयास जनहित में है,